श्राद्ध पक्ष कर्मकांड
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृन्दावन में यमुना किनारे यह आयोजन होगा।
भगवान श्रीकृष्ण ने जिस प्रकार अपने पितरों का श्राद्ध किया, उसी परंपरा से यहाँ श्राद्ध किए जाएंगे।
क्या होगा इस आयोजन में
- प्रतिदिन सामूहिक ब्रह्म भोज का आयोजन
- अपने पितरों का श्राद्ध उनकी तिथि पर करने की सुविधा
- यदि तिथि ज्ञात नहीं है तो अमावस्या के लिए ब्राह्मण बुक
- एकादशी श्राद्ध पर ब्राह्मण को फलाहार प्रसादी
- सामान्य तिथियों में गाय के घी से बने व्यंजन व मिष्ठान्न
- भोजन उपरांत ब्राह्मणों को पान, दक्षिणा और पीत वस्त्र प्रदान
क्यों करते हैं श्राद्ध
हमारे पितृ अपनी मुक्ति तक पितृ लोक में ही निवास करते हैं। वे वर्ष में एक बार 15 दिन के लिए पृथ्वी पर आते हैं और अपनी तृप्ति की प्रतीक्षा करते हैं।
हमारे द्वारा कराया गया ब्रह्म भोज ही उन्हें एक वर्ष तक पितृ लोक में भोजन की प्राप्ति कराता है।
शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में पितरों को भोजन कराना अनिवार्य है।
क्या मिलेगा श्राद्ध पक्ष में ब्रह्म भोज कराने से
- मन की शांति और गृह क्लेश से मुक्ति
- सुखी दांपत्य जीवन
- धन, धान्य, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि
- करियर में प्रगति और वंश वृद्धि
श्राद्ध न करने पर: पितृ रुष्ट होकर दुखी रहते हैं, जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक कष्टों की वृद्धि होती है।
क्या करना है आपको
आपको एक फॉर्म भरना है जिसमें विवरण होगा:
- श्राद्ध कराने वाले का नाम, पता, ईमेल
- पितृ का नाम, गोत्र
- यह उल्लेख कि वे बच्चे, युवा या वृद्ध थे
- वे स्त्री थीं या पुरुष
हम कैसे भरोसा करें?
पूरे आयोजन की लाइव फुटेज भेजी जाएगी। यदि संभव हुआ तो पूरा कार्यक्रम लाइव भी प्रसारित किया जाएगा।
शुल्क
₹1100/- (केवल ग्यारह सौ रुपये मात्र)

